महाभारतम् — 5.32.14
Original
Segmented
अजातशत्रुः तु विहाय पापम् जीर्णाम् त्वचम् सर्प इव असमर्थाम् विरोचते अहार्य-वृत्तेन धीरो युधिष्ठिरः त्वे पापम् विसृज्य
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अजातशत्रुः | अजातशत्रु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
विहाय | विहा | pos=vi |
पापम् | पाप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
जीर्णाम् | जृ | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
त्वचम् | त्वच् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
सर्प | सर्प | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
असमर्थाम् | असमर्थ | pos=a,g=f,c=2,n=s |
विरोचते | विरुच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
अहार्य | अहार्य | pos=a,comp=y |
वृत्तेन | वृत्त | pos=n,g=n,c=3,n=s |
धीरो | धीर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
युधिष्ठिरः | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्वे | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
पापम् | पाप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
विसृज्य | विसृज् | pos=vi |