महाभारतम् — 5.30.38
Original
Segmented
कच्चिद् वृत्तिः वर्तते वै पुराणी कच्चिद् भोगान् धार्तराष्ट्रो ददाति अङ्ग-हातान् कृपणान् वामनान् च आनृशंस्याद् धृतराष्ट्रो बिभर्ति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कच्चिद् | कच्चित् | pos=i |
वृत्तिः | वृत्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
वर्तते | वृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
वै | वै | pos=i |
पुराणी | पुराण | pos=a,g=f,c=1,n=s |
कच्चिद् | कच्चित् | pos=i |
भोगान् | भोग | pos=n,g=m,c=2,n=p |
धार्तराष्ट्रो | धार्तराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ददाति | दा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
अङ्ग | अङ्ग | pos=n,comp=y |
हातान् | हा | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
कृपणान् | कृपण | pos=a,g=m,c=2,n=p |
वामनान् | वामन | pos=a,g=m,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
आनृशंस्याद् | आनृशंस्य | pos=n,g=n,c=5,n=s |
धृतराष्ट्रो | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
बिभर्ति | भृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |