महाभारतम् — 5.30.21
Original
Segmented
अर्हत्तमः कुरुषु सौमदत्तिः स नो भ्राता संजय मद्-सखा च महा-इष्वासः रथिनाम् उत्तमो यः सहामात्यः कुशलम् तस्य पृच्छेः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्हत्तमः | अर्हत्तम | pos=a,g=m,c=1,n=s |
कुरुषु | कुरु | pos=n,g=m,c=7,n=p |
सौमदत्तिः | सौमदत्ति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नो | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
भ्राता | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
मद् | मद् | pos=n,comp=y |
सखा | सखि | pos=n,g=,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
इष्वासः | इष्वास | pos=n,g=m,c=1,n=s |
रथिनाम् | रथिन् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
उत्तमो | उत्तम | pos=a,g=m,c=1,n=s |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सहामात्यः | सहामात्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
कुशलम् | कुशल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
पृच्छेः | प्रच्छ् | pos=v,p=2,n=s,l=vidhilin |