महाभारतम् — 5.30.13
Original
Segmented
यस्मिञ् शौर्यम् आनृशंस्यम् तपः च प्रज्ञा शीलम् श्रुति-सत्त्वे धृतिः च पादौ गृहीत्वा कुरु-सत्तमस्य भीष्मस्य माम् तत्र निवेदयेथाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यस्मिञ् | यद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
शौर्यम् | शौर्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
आनृशंस्यम् | आनृशंस्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तपः | तपस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
प्रज्ञा | प्रज्ञा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
शीलम् | शील | pos=n,g=n,c=1,n=s |
श्रुति | श्रुति | pos=n,comp=y |
सत्त्वे | सत्त्व | pos=n,g=n,c=1,n=d |
धृतिः | धृति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
पादौ | पाद | pos=n,g=m,c=2,n=d |
गृहीत्वा | ग्रह् | pos=vi |
कुरु | कुरु | pos=n,comp=y |
सत्तमस्य | सत्तम | pos=a,g=m,c=6,n=s |
भीष्मस्य | भीष्म | pos=n,g=m,c=6,n=s |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
तत्र | तत्र | pos=i |
निवेदयेथाः | निवेदय् | pos=v,p=2,n=s,l=vidhilin |