महाभारतम् — 5.30.10
Original
Segmented
आचार्य इष्टो ऽनपगो विधेयो वेदान् ईप्सन् ब्रह्मचर्यम् चचार यो ऽस्त्रम् चतुष्पात् पुनः एव चक्रे द्रोणः प्रसन्नो ऽभिवाद्यो यथार्हम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
आचार्य | आचार्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इष्टो | इष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽनपगो | अनपग | pos=a,g=m,c=1,n=s |
विधेयो | विधा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
वेदान् | वेद | pos=n,g=m,c=2,n=p |
ईप्सन् | ईप्स् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ब्रह्मचर्यम् | ब्रह्मचर्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
चचार | चर् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽस्त्रम् | अस्त्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
चतुष्पात् | चतुष्पाद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पुनः | पुनर् | pos=i |
एव | एव | pos=i |
चक्रे | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
द्रोणः | द्रोण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रसन्नो | प्रसद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽभिवाद्यो | अभिवादय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
यथार्हम् | यथार्ह | pos=a,g=n,c=2,n=s |