महाभारतम् — 5.24.4
Original
Segmented
न च अनुजानाति भृशम् च तप्यते शोचति अन्तः स्थविरो अजात-शत्रो शृणोति हि ब्राह्मणानाम् समेत्य मित्र-द्रोहः पातकेभ्यो गरीयान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
अनुजानाति | अनुज्ञा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
भृशम् | भृशम् | pos=i |
च | च | pos=i |
तप्यते | तप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
शोचति | शुच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
अन्तः | अन्तर् | pos=i |
स्थविरो | स्थविर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
अजात | अजात | pos=a,comp=y |
शत्रो | शत्रु | pos=n,g=m,c=8,n=s |
शृणोति | श्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
हि | हि | pos=i |
ब्राह्मणानाम् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=6,n=p |
समेत्य | समे | pos=vi |
मित्र | मित्र | pos=n,comp=y |
द्रोहः | द्रोह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पातकेभ्यो | पातक | pos=n,g=n,c=5,n=p |
गरीयान् | गरीयस् | pos=a,g=m,c=1,n=s |