महाभारतम् — 5.22.1
Original
Segmented
धृतराष्ट्र उवाच प्राप्तान् आहुः संजय पाण्डु-पुत्रान् उपप्लव्ये तान् विजानीहि गत्वा अजात-शत्रुम् च सभाजयेथा दिष्ट्या अनघ ग्रामम् उपस्थितः त्वम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
धृतराष्ट्र | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
प्राप्तान् | प्राप् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
आहुः | अह् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
पाण्डु | पाण्डु | pos=n,comp=y |
पुत्रान् | पुत्र | pos=n,g=m,c=2,n=p |
उपप्लव्ये | उपप्लव्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
विजानीहि | विज्ञा | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
गत्वा | गम् | pos=vi |
अजात | अजात | pos=a,comp=y |
शत्रुम् | शत्रु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
सभाजयेथा | सभाजय् | pos=v,p=2,n=s,l=vidhilin |
दिष्ट्या | दिष्टि | pos=n,g=f,c=3,n=s |
अनघ | अनघ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
ग्रामम् | ग्राम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उपस्थितः | उपस्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |