महाभारतम् — 5.21.7
Original
Segmented
अपि वज्रधरः साक्षात् किम् उत अन्ये धनुः-भृतः त्रयाणाम् अपि लोकानाम् समर्थ इति मे मतिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अपि | अपि | pos=i |
वज्रधरः | वज्रधर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
साक्षात् | साक्षात् | pos=i |
किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उत | उत | pos=i |
अन्ये | अन्य | pos=n,g=m,c=1,n=p |
धनुः | धनुस् | pos=n,comp=y |
भृतः | भृत् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
त्रयाणाम् | त्रि | pos=n,g=m,c=6,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
लोकानाम् | लोक | pos=n,g=m,c=6,n=p |
समर्थ | समर्थ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
मतिः | मति | pos=n,g=f,c=1,n=s |