Original

न हि तावद्रणे पार्थं बाणखड्गधनुर्धरम् ।वासुदेवसमायुक्तं रथेनोद्यन्तमच्युतम् ॥ २१ ॥

Segmented

न हि तावद् रणे पार्थम् बाण-खड्ग-धनुः-धरम् वासुदेव-समायुक्तम् रथेन उद्यन्तम् अच्युतम्

Analysis

Word Lemma Parse
pos=i
हि हि pos=i
तावद् तावत् pos=i
रणे रण pos=n,g=m,c=7,n=s
पार्थम् पार्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
बाण बाण pos=n,comp=y
खड्ग खड्ग pos=n,comp=y
धनुः धनुस् pos=n,comp=y
धरम् धर pos=a,g=m,c=2,n=s
वासुदेव वासुदेव pos=n,comp=y
समायुक्तम् समायुज् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
रथेन रथ pos=n,g=m,c=3,n=s
उद्यन्तम् उदि pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
अच्युतम् अच्युत pos=n,g=m,c=2,n=s