महाभारतम् — 5.193.1
Original
Segmented
भीष्म उवाच शिखण्डिन्-वाक्यम् श्रुत्वा अथ स यक्षो भरत-ऋषभ प्रोवाच मनसा चिन्त्य दैवेन उपनिपीडितः भवितव्यम् तथा तत् हि मम दुःखाय कौरव
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भीष्म | भीष्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
शिखण्डिन् | शिखण्डिन् | pos=n,comp=y |
वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
अथ | अथ | pos=i |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यक्षो | यक्ष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
प्रोवाच | प्रवच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
मनसा | मनस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
चिन्त्य | चिन्तय् | pos=vi |
दैवेन | दैव | pos=n,g=n,c=3,n=s |
उपनिपीडितः | उपनिपीडय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
भवितव्यम् | भू | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
तथा | तथा | pos=i |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
दुःखाय | दुःख | pos=n,g=n,c=4,n=s |
कौरव | कौरव | pos=n,g=m,c=8,n=s |