महाभारतम् — 5.187.24
Original
Segmented
तत्र पुण्येषु देशेषु सा आप्लुत-अङ्गी दिवानिशम् व्यचरत् काशि-कन्या सा यथाकाम-विचारिन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तत्र | तत्र | pos=i |
पुण्येषु | पुण्य | pos=a,g=m,c=7,n=p |
देशेषु | देश | pos=n,g=m,c=7,n=p |
सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
आप्लुत | आप्लु | pos=va,comp=y,f=part |
अङ्गी | अङ्ग | pos=a,g=f,c=1,n=s |
दिवानिशम् | दिवानिशम् | pos=i |
व्यचरत् | विचर् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
काशि | काशि | pos=n,comp=y |
कन्या | कन्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
यथाकाम | यथाकाम | pos=a,comp=y |
विचारिन् | विचारिन् | pos=a,g=f,c=1,n=s |