Original

निराहारा कृशा रूक्षा जटिला मलपङ्किनी ।षण्मासान्वायुभक्षा च स्थाणुभूता तपोधना ॥ १९ ॥

Segmented

निराहारा कृशा रूक्षा जटिला मल-पङ्किन् षण् मासान् वायु-भक्षा च स्थाणु-भूता तपोधना

Analysis

Word Lemma Parse
निराहारा निराहार pos=a,g=f,c=1,n=s
कृशा कृश pos=a,g=f,c=1,n=s
रूक्षा रूक्ष pos=a,g=f,c=1,n=s
जटिला जटिल pos=a,g=f,c=1,n=s
मल मल pos=n,comp=y
पङ्किन् पङ्किन् pos=a,g=f,c=1,n=s
षण् षष् pos=n,g=m,c=2,n=p
मासान् मास pos=n,g=m,c=2,n=p
वायु वायु pos=n,comp=y
भक्षा भक्ष pos=n,g=f,c=1,n=s
pos=i
स्थाणु स्थाणु pos=n,comp=y
भूता भू pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
तपोधना तपोधन pos=a,g=f,c=1,n=s