Original

ततोऽहं भरतश्रेष्ठ संन्यषीदं रथोत्तमे ।अथ मां कश्मलाविष्टं सूतस्तूर्णमपावहत् ।गोरुतं भरतश्रेष्ठ रामबाणप्रपीडितम् ॥ १५ ॥

Segmented

ततो ऽहम् भरत-श्रेष्ठ संन्यषीदम् रथ-उत्तमे अथ माम् कश्मल-आविष्टम् सूतः तूर्णम् अपावहत् गो रुतम् भरत-श्रेष्ठ राम-बाण-प्रपीडितम्

Analysis

Word Lemma Parse
ततो ततस् pos=i
ऽहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
भरत भरत pos=n,comp=y
श्रेष्ठ श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=8,n=s
संन्यषीदम् संनिषद् pos=v,p=1,n=s,l=lan
रथ रथ pos=n,comp=y
उत्तमे उत्तम pos=a,g=m,c=7,n=s
अथ अथ pos=i
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
कश्मल कश्मल pos=n,comp=y
आविष्टम् आविश् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
सूतः सूत pos=n,g=m,c=1,n=s
तूर्णम् तूर्णम् pos=i
अपावहत् अपवह् pos=v,p=3,n=s,l=lan
गो गो pos=i
रुतम् रु pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
भरत भरत pos=n,comp=y
श्रेष्ठ श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=8,n=s
राम राम pos=n,comp=y
बाण बाण pos=n,comp=y
प्रपीडितम् प्रपीडय् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part