Original

ततोऽहं कृपयाविष्टो विनिन्द्यात्मानमात्मना ।धिग्धिगित्यब्रुवं युद्धं क्षत्रं च भरतर्षभ ॥ ३६ ॥

Segmented

ततो ऽहम् कृपया आविष्टः विनिन्द्य आत्मानम् आत्मना धिग् धिग् इति अब्रुवम् युद्धम् क्षत्रम् च भरत-ऋषभ

Analysis

Word Lemma Parse
ततो ततस् pos=i
ऽहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
कृपया कृपा pos=n,g=f,c=3,n=s
आविष्टः आविश् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
विनिन्द्य विनिन्द् pos=vi
आत्मानम् आत्मन् pos=n,g=m,c=2,n=s
आत्मना आत्मन् pos=n,g=m,c=3,n=s
धिग् धिक् pos=i
धिग् धिक् pos=i
इति इति pos=i
अब्रुवम् ब्रू pos=v,p=1,n=s,l=lan
युद्धम् युद्ध pos=n,g=n,c=2,n=s
क्षत्रम् क्षत्र pos=n,g=n,c=2,n=s
pos=i
भरत भरत pos=n,comp=y
ऋषभ ऋषभ pos=n,g=m,c=8,n=s