Original

गुरुत्वं त्वयि संप्रेक्ष्य जामदग्न्य पुरातनम् ।प्रसादये त्वां भगवंस्त्यक्तैषा हि पुरा मया ॥ २० ॥

Segmented

गुरु-त्वम् त्वयि सम्प्रेक्ष्य जामदग्न्य पुरातनम् प्रसादये त्वाम् भगवन् त्यक्ता एषा हि पुरा मया

Analysis

Word Lemma Parse
गुरु गुरु pos=n,comp=y
त्वम् त्व pos=n,g=n,c=2,n=s
त्वयि त्वद् pos=n,g=,c=7,n=s
सम्प्रेक्ष्य सम्प्रेक्ष् pos=vi
जामदग्न्य जामदग्न्य pos=n,g=m,c=8,n=s
पुरातनम् पुरातन pos=a,g=n,c=2,n=s
प्रसादये प्रसादय् pos=v,p=1,n=s,l=lat
त्वाम् त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
भगवन् भगवत् pos=a,g=m,c=8,n=s
त्यक्ता त्यज् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
एषा एतद् pos=n,g=f,c=1,n=s
हि हि pos=i
पुरा पुरा pos=i
मया मद् pos=n,g=,c=3,n=s