Original

दुःखं छेत्स्यामि तेऽहं वै मयि वर्तस्व पुत्रिके ।पर्याप्तं ते मनः पुत्रि यदेवं परिशुष्यसि ॥ २१ ॥

Segmented

दुःखम् छेत्स्यामि ते ऽहम् वै मयि वर्तस्व पुत्रिके पर्याप्तम् ते मनः पुत्रि यद् एवम् परिशुष्यसि

Analysis

Word Lemma Parse
दुःखम् दुःख pos=n,g=n,c=2,n=s
छेत्स्यामि छिद् pos=v,p=1,n=s,l=lrt
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
ऽहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
वै वै pos=i
मयि मद् pos=n,g=,c=7,n=s
वर्तस्व वृत् pos=v,p=2,n=s,l=lot
पुत्रिके पुत्रिका pos=n,g=f,c=8,n=s
पर्याप्तम् पर्याप् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
मनः मनस् pos=n,g=n,c=1,n=s
पुत्रि पुत्री pos=n,g=f,c=8,n=s
यद् यत् pos=i
एवम् एवम् pos=i
परिशुष्यसि परिशुष् pos=v,p=2,n=s,l=lat