Original

दिष्ट्या च नहुषो भ्रष्टो देवराज्यात्पुरंदर ।दिष्ट्या हतारिं पश्यामि भवन्तं बलसूदन ॥ ३ ॥

Segmented

दिष्ट्या च नहुषो भ्रष्टो देव-राज्यात् पुरंदर दिष्ट्या हत-अरिम् पश्यामि भवन्तम् बलसूदन

Analysis

Word Lemma Parse
दिष्ट्या दिष्टि pos=n,g=f,c=3,n=s
pos=i
नहुषो नहुष pos=n,g=m,c=1,n=s
भ्रष्टो भ्रंश् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
देव देव pos=n,comp=y
राज्यात् राज्य pos=n,g=n,c=5,n=s
पुरंदर पुरंदर pos=n,g=m,c=8,n=s
दिष्ट्या दिष्टि pos=n,g=f,c=3,n=s
हत हन् pos=va,comp=y,f=part
अरिम् अरि pos=n,g=m,c=2,n=s
पश्यामि दृश् pos=v,p=1,n=s,l=lat
भवन्तम् भवत् pos=a,g=m,c=2,n=s
बलसूदन बलसूदन pos=n,g=m,c=8,n=s