महाभारतम् — 5.165.12
Original
Segmented
सर्वस्य जगतः च एव गाङ्गेय न मृषा वदे कुरूणाम् अहितो नित्यम् न च राजा अवबुध्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सर्वस्य | सर्व | pos=n,g=n,c=6,n=s |
जगतः | जगन्त् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
गाङ्गेय | गाङ्गेय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
न | न | pos=i |
मृषा | मृषा | pos=i |
वदे | वद् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
कुरूणाम् | कुरु | pos=n,g=m,c=6,n=p |
अहितो | अहित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अवबुध्यते | अवबुध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |