Original

उपप्लव्ये तु पाञ्चाली द्रौपदी सत्यवादिनी ।सह स्त्रीभिर्निववृते दासीदाससमावृता ॥ ५५ ॥

Segmented

उपप्लव्ये तु पाञ्चाली द्रौपदी सत्य-वादिनी सह स्त्रीभिः निववृते दासी-दास-समावृता

Analysis

Word Lemma Parse
उपप्लव्ये उपप्लव्य pos=n,g=n,c=7,n=s
तु तु pos=i
पाञ्चाली पाञ्चाली pos=n,g=f,c=1,n=s
द्रौपदी द्रौपदी pos=n,g=f,c=1,n=s
सत्य सत्य pos=n,comp=y
वादिनी वादिन् pos=a,g=f,c=1,n=s
सह सह pos=i
स्त्रीभिः स्त्री pos=n,g=f,c=3,n=p
निववृते निवृत् pos=v,p=3,n=s,l=lit
दासी दासी pos=n,comp=y
दास दास pos=n,comp=y
समावृता समावृ pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part