महाभारतम् — 5.142.22
Original
Segmented
धात्र्या विश्रब्धया गुप्ता सखि-जन-वृता तदा दोषम् परिहरन्ती च पितुः चारित्र-रक्षिन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
धात्र्या | धात्री | pos=n,g=f,c=3,n=s |
विश्रब्धया | विश्रम्भ् | pos=va,g=f,c=3,n=s,f=part |
गुप्ता | गुप् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
सखि | सखी | pos=n,comp=y |
जन | जन | pos=n,comp=y |
वृता | वृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
तदा | तदा | pos=i |
दोषम् | दोष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
परिहरन्ती | परिहृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
पितुः | पितृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
चारित्र | चारित्र | pos=n,comp=y |
रक्षिन् | रक्षिन् | pos=a,g=f,c=1,n=s |