Original

पाण्डुरं गजमारूढो गाण्डीवी स धनंजयः ।त्वया सार्धं हृषीकेश श्रिया परमया ज्वलन् ॥ ३४ ॥

Segmented

पाण्डुरम् गजम् आरूढो गाण्डीवी स धनंजयः त्वया सार्धम् हृषीकेश श्रिया परमया ज्वलन्

Analysis

Word Lemma Parse
पाण्डुरम् पाण्डुर pos=a,g=m,c=2,n=s
गजम् गज pos=n,g=m,c=2,n=s
आरूढो आरुह् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
गाण्डीवी गाण्डीविन् pos=n,g=m,c=1,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
धनंजयः धनंजय pos=n,g=m,c=1,n=s
त्वया त्वद् pos=n,g=,c=3,n=s
सार्धम् सार्धम् pos=i
हृषीकेश हृषीकेश pos=n,g=m,c=8,n=s
श्रिया श्री pos=n,g=f,c=3,n=s
परमया परम pos=a,g=f,c=3,n=s
ज्वलन् ज्वल् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part