महाभारतम् — 5.141.22
Original
Segmented
कृष्णः च परिघः तत्र भानुम् आवृत्य तिष्ठति उदय-अस्तमये संध्ये वेदयानो महद् भयम् एका सृग् वाशते घोरम् तत् पराभव-लक्षणम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कृष्णः | कृष्ण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
परिघः | परिघ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तत्र | तत्र | pos=i |
भानुम् | भानु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आवृत्य | आवृ | pos=vi |
तिष्ठति | स्था | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
उदय | उदय | pos=n,comp=y |
अस्तमये | अस्तमय | pos=n,g=f,c=2,n=d |
संध्ये | संध्या | pos=n,g=f,c=2,n=d |
वेदयानो | वेदय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
महद् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
भयम् | भय | pos=n,g=n,c=2,n=s |
एका | एक | pos=n,g=f,c=1,n=s |
सृग् | सृज् | pos=a,g=f,c=1,n=s |
वाशते | वाश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
घोरम् | घोर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
पराभव | पराभव | pos=n,comp=y |
लक्षणम् | लक्षण | pos=n,g=n,c=1,n=s |