Original

भीष्म उवाच ।शुश्रूषुमनसूयं च ब्रह्मण्यं सत्यसंगरम् ।प्रतियोत्स्यामहे पार्थमतो दुःखतरं नु किम् ॥ ३ ॥

Segmented

भीष्म उवाच शुश्रूषुम् अनसूयम् च ब्रह्मण्यम् सत्य-संगरम् प्रतियोत्स्यामहे पार्थम् अतो दुःखतरम् नु किम्

Analysis

Word Lemma Parse
भीष्म भीष्म pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
शुश्रूषुम् शुश्रूषु pos=a,g=m,c=2,n=s
अनसूयम् अनसूय pos=a,g=m,c=2,n=s
pos=i
ब्रह्मण्यम् ब्रह्मण्य pos=a,g=m,c=2,n=s
सत्य सत्य pos=a,comp=y
संगरम् संगर pos=n,g=m,c=2,n=s
प्रतियोत्स्यामहे प्रतियुध् pos=v,p=1,n=p,l=lrt
पार्थम् पार्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
अतो अतस् pos=i
दुःखतरम् दुःखतर pos=n,g=n,c=1,n=s
नु नु pos=i
किम् pos=n,g=n,c=1,n=s