महाभारतम् — 5.133.26
Original
Segmented
यस्य प्राग् एव विदिता सर्व-अर्थानाम् अनित्य-ता नुदेद् वृद्धि-समृद्धी स प्रतिकूले नृप-आत्मज
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
प्राग् | प्राक् | pos=i |
एव | एव | pos=i |
विदिता | विद् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
अर्थानाम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=6,n=p |
अनित्य | अनित्य | pos=a,comp=y |
ता | ता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
नुदेद् | नुद् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
वृद्धि | वृद्धि | pos=n,comp=y |
समृद्धी | समृद्धि | pos=n,g=f,c=2,n=d |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रतिकूले | प्रतिकूल | pos=a,g=f,c=2,n=d |
नृप | नृप | pos=n,comp=y |
आत्मज | आत्मज | pos=n,g=m,c=8,n=s |