महाभारतम् — 5.127.31
Original
Segmented
याभ्याम् हि देवाः स्वर्यातुः स्वर्गस्यापिदधुः बिभ्यतो ऽनुपरागस्य काम-क्रोधौ स्म वर्धितौ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
याभ्याम् | यद् | pos=n,g=m,c=3,n=d |
हि | हि | pos=i |
देवाः | देव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
स्वर्यातुः | स्वर्यातृ | pos=a,g=m,c=6,n=s |
स्वर्गस्यापिदधुः | मुख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
बिभ्यतो | भी | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
ऽनुपरागस्य | अनुपराग | pos=a,g=m,c=6,n=s |
काम | काम | pos=n,comp=y |
क्रोधौ | क्रोध | pos=n,g=m,c=1,n=d |
स्म | स्म | pos=i |
वर्धितौ | वर्धय् | pos=va,g=m,c=1,n=d,f=part |