महाभारतम् — 5.127.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच कृष्णस्य वचनम् श्रुत्वा धृतराष्ट्रो जनेश्वरः विदुरम् सर्व-धर्म-ज्ञम् त्वरमाणो ऽभ्यभाषत
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
कृष्णस्य | कृष्ण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
धृतराष्ट्रो | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
जनेश्वरः | जनेश्वर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विदुरम् | विदुर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
ज्ञम् | ज्ञ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
त्वरमाणो | त्वर् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽभ्यभाषत | अभिभाष् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |