Original

देवराज जहि क्रोधं त्वयि क्रुद्धे जगद्विभो ।त्रस्तं सासुरगन्धर्वं सकिंनरमहोरगम् ॥ २ ॥

Segmented

देव-राज जहि क्रोधम् त्वयि क्रुद्धे जगत् विभो त्रस्तम् स असुर-गन्धर्वम् स किन्नर-महा-उरगम्

Analysis

Word Lemma Parse
देव देव pos=n,comp=y
राज राज pos=n,g=m,c=8,n=s
जहि हा pos=v,p=2,n=s,l=lot
क्रोधम् क्रोध pos=n,g=m,c=2,n=s
त्वयि त्वद् pos=n,g=,c=7,n=s
क्रुद्धे क्रुध् pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part
जगत् जगन्त् pos=n,g=n,c=1,n=s
विभो विभु pos=a,g=m,c=8,n=s
त्रस्तम् त्रस् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
pos=i
असुर असुर pos=n,comp=y
गन्धर्वम् गन्धर्व pos=n,g=n,c=1,n=s
pos=i
किन्नर किंनर pos=n,comp=y
महा महत् pos=a,comp=y
उरगम् उरग pos=n,g=n,c=1,n=s