महाभारतम् — 5.12.16
Original
Segmented
बृहस्पतिः उवाच शरण-आगताम् न त्यजेयम् इन्द्राणि मम निश्चितम् धर्म-ज्ञाम् धर्म-शीलाम् च न त्यजे त्वाम् अनिन्दिते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
बृहस्पतिः | बृहस्पति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
शरण | शरण | pos=n,comp=y |
आगताम् | आगम् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
त्यजेयम् | त्यज् | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
इन्द्राणि | इन्द्राणी | pos=n,g=f,c=8,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
निश्चितम् | निश्चित | pos=n,g=n,c=1,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
ज्ञाम् | ज्ञ | pos=a,g=f,c=2,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
शीलाम् | शील | pos=n,g=f,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
न | न | pos=i |
त्यजे | त्यज् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
अनिन्दिते | अनिन्दित | pos=a,g=f,c=8,n=s |