Original

उशीनरं प्रतिग्राह्य गालवः प्रययौ वनम् ।रेमे स तां समासाद्य कृतपुण्य इव श्रियम् ॥ १७ ॥

Segmented

उशीनरम् प्रतिग्राह्य गालवः प्रययौ वनम् रेमे स ताम् समासाद्य कृत-पुण्यः इव श्रियम्

Analysis

Word Lemma Parse
उशीनरम् उशीनर pos=n,g=m,c=2,n=s
प्रतिग्राह्य प्रतिग्राहय् pos=vi
गालवः गालव pos=n,g=m,c=1,n=s
प्रययौ प्रया pos=v,p=3,n=s,l=lit
वनम् वन pos=n,g=n,c=2,n=s
रेमे रम् pos=v,p=3,n=s,l=lit
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
ताम् तद् pos=n,g=f,c=2,n=s
समासाद्य समासादय् pos=vi
कृत कृ pos=va,comp=y,f=part
पुण्यः पुण्य pos=n,g=m,c=1,n=s
इव इव pos=i
श्रियम् श्री pos=n,g=f,c=2,n=s