महाभारतम् — 5.111.1
Original
Segmented
नारद उवाच ऋषभस्य ततः शृङ्गे निपत्य द्विज-पक्षिनः शाण्डिलीम् ब्राह्मणीम् तत्र ददृशाते तपः-अन्विताम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नारद | नारद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ऋषभस्य | ऋषभ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
ततः | ततस् | pos=i |
शृङ्गे | शृङ्ग | pos=n,g=n,c=7,n=s |
निपत्य | निपत् | pos=vi |
द्विज | द्विज | pos=n,comp=y |
पक्षिनः | पक्षिन् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
शाण्डिलीम् | शाण्डिली | pos=n,g=f,c=2,n=s |
ब्राह्मणीम् | ब्राह्मणी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
तत्र | तत्र | pos=i |
ददृशाते | दृश् | pos=v,p=3,n=d,l=lit |
तपः | तपस् | pos=n,comp=y |
अन्विताम् | अन्वित | pos=a,g=f,c=2,n=s |