Original

स तां संदृश्य दुष्टात्मा प्राह सर्वान्सभासदः ।इन्द्रस्य महिषी देवी कस्मान्मां नोपतिष्ठति ॥ १४ ॥

Segmented

स ताम् संदृश्य दुष्ट-आत्मा प्राह सर्वान् सभासदः इन्द्रस्य महिषी देवी कस्मात् माम् न उपतिष्ठति

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
ताम् तद् pos=n,g=f,c=2,n=s
संदृश्य संदृश् pos=vi
दुष्ट दुष्ट pos=a,comp=y
आत्मा आत्मन् pos=n,g=m,c=1,n=s
प्राह प्राह् pos=v,p=3,n=s,l=lit
सर्वान् सर्व pos=n,g=m,c=2,n=p
सभासदः सभासद् pos=n,g=m,c=2,n=p
इन्द्रस्य इन्द्र pos=n,g=m,c=6,n=s
महिषी महिषी pos=n,g=f,c=1,n=s
देवी देवी pos=n,g=f,c=1,n=s
कस्मात् कस्मात् pos=i
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
pos=i
उपतिष्ठति उपस्था pos=v,p=3,n=s,l=lat