महाभारतम् — 5.108.16
Original
Segmented
अत्र नित्यम् स्रवन्तीनाम् प्रभवः सागर-उदयः अत्र लोकत्रयस्य आपः तिष्ठन्ति वरुण-आश्रयाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अत्र | अत्र | pos=i |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
स्रवन्तीनाम् | स्रवन्ती | pos=n,g=f,c=6,n=p |
प्रभवः | प्रभव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सागर | सागर | pos=n,comp=y |
उदयः | उदय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अत्र | अत्र | pos=i |
लोकत्रयस्य | लोकत्रय | pos=n,g=n,c=6,n=s |
आपः | अप् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तिष्ठन्ति | स्था | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
वरुण | वरुण | pos=n,comp=y |
आश्रयाः | आश्रय | pos=n,g=m,c=1,n=p |