महाभारतम् — 5.104.22
Original
Segmented
दक्षिणानाम् हि सृष्टानाम् अपवर्गेण भुज्यते स्वर्गे क्रतु-फलम् सद्भिः दक्षिणा शान्तिः उच्यते किम् आहरामि गुरु-अर्थम् ब्रवीतु भगवान् इति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
दक्षिणानाम् | दक्षिणा | pos=n,g=f,c=6,n=p |
हि | हि | pos=i |
सृष्टानाम् | सृज् | pos=va,g=f,c=6,n=p,f=part |
अपवर्गेण | अपवर्ग | pos=n,g=m,c=3,n=s |
भुज्यते | भुज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
स्वर्गे | स्वर्ग | pos=n,g=m,c=7,n=s |
क्रतु | क्रतु | pos=n,comp=y |
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
सद्भिः | सत् | pos=a,g=m,c=3,n=p |
दक्षिणा | दक्षिणा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
शान्तिः | शान्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
उच्यते | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आहरामि | आहृ | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ब्रवीतु | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
भगवान् | भगवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |