Original

गतिर्भव त्वं देवानां सेन्द्राणाममरोत्तम ।जगद्व्याप्तमिदं सर्वं वृत्रेणासुरसूदन ॥ ९ ॥

Segmented

गतिः भव त्वम् देवानाम् स इन्द्राणाम् अमर-उत्तम जगद् व्याप्तम् इदम् सर्वम् वृत्रेण असुरसूदन

Analysis

Word Lemma Parse
गतिः गति pos=n,g=f,c=1,n=s
भव भू pos=v,p=2,n=s,l=lot
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
देवानाम् देव pos=n,g=m,c=6,n=p
pos=i
इन्द्राणाम् इन्द्र pos=n,g=m,c=6,n=p
अमर अमर pos=n,comp=y
उत्तम उत्तम pos=a,g=m,c=8,n=s
जगद् जगन्त् pos=n,g=n,c=1,n=s
व्याप्तम् व्याप् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
इदम् इदम् pos=n,g=n,c=1,n=s
सर्वम् सर्व pos=n,g=n,c=1,n=s
वृत्रेण वृत्र pos=n,g=m,c=3,n=s
असुरसूदन असुरसूदन pos=n,g=m,c=8,n=s