महाभारतम् — 5.1.25
Original
Segmented
निशम्य वाक्यम् तु जनार्दनस्य धर्म-अर्थ-युक्तम् मधुरम् समम् च समाददे वाक्यम् अथ अग्रजः ऽस्य सम्पूज्य वाक्यम् तद् अतीव राजन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
निशम्य | निशामय् | pos=vi |
वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
जनार्दनस्य | जनार्दन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
युक्तम् | युज् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
मधुरम् | मधुर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
समम् | सम | pos=n,g=n,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
समाददे | समादा | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अथ | अथ | pos=i |
अग्रजः | अग्रज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
सम्पूज्य | सम्पूजय् | pos=vi |
वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अतीव | अतीव | pos=i |
राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |