Original

विराट उवाच ।किमर्थं पाण्डवश्रेष्ठ भार्यां दुहितरं मम ।प्रतिग्रहीतुं नेमां त्वं मया दत्तामिहेच्छसि ॥ १ ॥

Segmented

विराट उवाच किम् अर्थम् पाण्डव-श्रेष्ठ भार्याम् दुहितरम् मम प्रतिग्रहीतुम् न इमाम् त्वम् मया दत्ताम् इह इच्छसि

Analysis

Word Lemma Parse
विराट विराट pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
किम् pos=n,g=n,c=2,n=s
अर्थम् अर्थ pos=n,g=n,c=2,n=s
पाण्डव पाण्डव pos=n,comp=y
श्रेष्ठ श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=8,n=s
भार्याम् भार्या pos=n,g=f,c=2,n=s
दुहितरम् दुहितृ pos=n,g=f,c=2,n=s
मम मद् pos=n,g=,c=6,n=s
प्रतिग्रहीतुम् प्रतिग्रह् pos=vi
pos=i
इमाम् इदम् pos=n,g=f,c=2,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
मया मद् pos=n,g=,c=3,n=s
दत्ताम् दा pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
इह इह pos=i
इच्छसि इष् pos=v,p=2,n=s,l=lat