Original

वैशंपायन उवाच ।ततो विराटः परमाभितुष्टः समेत्य राज्ञा समयं चकार ।राज्यं च सर्वं विससर्ज तस्मै सदण्डकोशं सपुरं महात्मा ॥ २१ ॥

Segmented

वैशंपायन उवाच ततो विराटः परम-अभितुष्टः समेत्य राज्ञा समयम् चकार राज्यम् च सर्वम् विससर्ज तस्मै स दण्ड-कोशम् स पुरम् महात्मा

Analysis

Word Lemma Parse
वैशंपायन वैशम्पायन pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
ततो ततस् pos=i
विराटः विराट pos=n,g=m,c=1,n=s
परम परम pos=a,comp=y
अभितुष्टः अभितुष् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
समेत्य समे pos=vi
राज्ञा राजन् pos=n,g=m,c=3,n=s
समयम् समय pos=n,g=m,c=2,n=s
चकार कृ pos=v,p=3,n=s,l=lit
राज्यम् राज्य pos=n,g=n,c=2,n=s
pos=i
सर्वम् सर्व pos=n,g=n,c=2,n=s
विससर्ज विसृज् pos=v,p=3,n=s,l=lit
तस्मै तद् pos=n,g=m,c=4,n=s
pos=i
दण्ड दण्ड pos=n,comp=y
कोशम् कोश pos=n,g=n,c=2,n=s
pos=i
पुरम् पुर pos=n,g=n,c=2,n=s
महात्मा महात्मन् pos=a,g=m,c=1,n=s