Original

न मृष्याद्भृशसंक्रुद्धो मां दृष्ट्वैव सशोणितम् ।विराटमिह सामात्यं हन्यात्सबलवाहनम् ॥ ५४ ॥

Segmented

न मृष्याद् भृश-संक्रुद्धः माम् दृष्ट्वा एव स शोणितम् विराटम् इह स अमात्यम् हन्यात् स बल-वाहनम्

Analysis

Word Lemma Parse
pos=i
मृष्याद् मृष् pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
भृश भृश pos=a,comp=y
संक्रुद्धः संक्रुध् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
दृष्ट्वा दृश् pos=vi
एव एव pos=i
pos=i
शोणितम् शोणित pos=n,g=m,c=2,n=s
विराटम् विराट pos=n,g=m,c=2,n=s
इह इह pos=i
pos=i
अमात्यम् अमात्य pos=n,g=m,c=2,n=s
हन्यात् हन् pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
pos=i
बल बल pos=n,comp=y
वाहनम् वाहन pos=n,g=m,c=2,n=s