महाभारतम् — 4.63.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच अवजित्य धनम् च अपि विराटो वाहिनीपतिः प्राविशत् नगरम् हृष्टः चतुर्भिः सह पाण्डवैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अवजित्य | अवजि | pos=vi |
धनम् | धन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
विराटो | विराट | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वाहिनीपतिः | वाहिनीपति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्राविशत् | प्रविश् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
नगरम् | नगर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
हृष्टः | हृष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
चतुर्भिः | चतुर् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
सह | सह | pos=i |
पाण्डवैः | पाण्डव | pos=n,g=m,c=3,n=p |