महाभारतम् — 4.53.31
Original
Segmented
एकच्छायम् इव आकाशम् बाणैः चक्रे समन्ततः न अदृश्यत तदा द्रोणो नीहारेण इव संवृतः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एकच्छायम् | एकच्छाय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
इव | इव | pos=i |
आकाशम् | आकाश | pos=n,g=n,c=2,n=s |
बाणैः | बाण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
चक्रे | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
समन्ततः | समन्ततः | pos=i |
न | न | pos=i |
अदृश्यत | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
तदा | तदा | pos=i |
द्रोणो | द्रोण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नीहारेण | नीहार | pos=n,g=m,c=3,n=s |
इव | इव | pos=i |
संवृतः | संवृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |