महाभारतम् — 4.53.1
Original
Segmented
अर्जुन उवाच यत्र एषा काञ्चनी वेदी प्रदीप्त-अग्नि-शिखा-उपमा उच्छ्रिता काञ्चने दण्डे पताकाभिः अलंकृता तत्र माम् वह भद्रम् ते द्रोण-अनीकाय मारिष
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्जुन | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
यत्र | यत्र | pos=i |
एषा | एतद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
काञ्चनी | काञ्चन | pos=a,g=f,c=1,n=s |
वेदी | वेदि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
प्रदीप्त | प्रदीप् | pos=va,comp=y,f=part |
अग्नि | अग्नि | pos=n,comp=y |
शिखा | शिखा | pos=n,comp=y |
उपमा | उपम | pos=a,g=f,c=1,n=s |
उच्छ्रिता | उच्छ्रि | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
काञ्चने | काञ्चन | pos=a,g=m,c=7,n=s |
दण्डे | दण्ड | pos=n,g=m,c=7,n=s |
पताकाभिः | पताका | pos=n,g=f,c=3,n=p |
अलंकृता | अलंकृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
तत्र | तत्र | pos=i |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
वह | वह् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
भद्रम् | भद्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
द्रोण | द्रोण | pos=n,comp=y |
अनीकाय | अनीक | pos=n,g=n,c=4,n=s |
मारिष | मारिष | pos=n,g=m,c=8,n=s |