Original

द्रौपद्यास्तं परिक्लेशं न क्षन्तुं पाण्डवोऽर्हति ।दुःखाय धार्तराष्ट्राणां प्रादुर्भूतो धनंजयः ॥ १४ ॥

Segmented

द्रौपद्याः तम् परिक्लेशम् न क्षन्तुम् पाण्डवो ऽर्हति दुःखाय धार्तराष्ट्राणाम् प्रादुर्भूतो धनंजयः

Analysis

Word Lemma Parse
द्रौपद्याः द्रौपदी pos=n,g=f,c=6,n=s
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
परिक्लेशम् परिक्लेश pos=n,g=m,c=2,n=s
pos=i
क्षन्तुम् क्षम् pos=vi
पाण्डवो पाण्डव pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽर्हति अर्ह् pos=v,p=3,n=s,l=lat
दुःखाय दुःख pos=n,g=n,c=4,n=s
धार्तराष्ट्राणाम् धार्तराष्ट्र pos=n,g=m,c=6,n=p
प्रादुर्भूतो प्रादुर्भू pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
धनंजयः धनंजय pos=n,g=m,c=1,n=s