Original

तदनीकं महद्दृष्ट्वा गजाश्वरथसंकुलम् ।कर्णदुर्योधनकृपैर्गुप्तं शांतनवेन च ॥ ७ ॥

Segmented

तद् अनीकम् महद् दृष्ट्वा गज-अश्व-रथ-संकुलम् कर्ण-दुर्योधन-कृपैः गुप्तम् शांतनवेन च

Analysis

Word Lemma Parse
तद् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
अनीकम् अनीक pos=n,g=n,c=2,n=s
महद् महत् pos=a,g=n,c=2,n=s
दृष्ट्वा दृश् pos=vi
गज गज pos=n,comp=y
अश्व अश्व pos=n,comp=y
रथ रथ pos=n,comp=y
संकुलम् संकुल pos=a,g=n,c=2,n=s
कर्ण कर्ण pos=n,comp=y
दुर्योधन दुर्योधन pos=n,comp=y
कृपैः कृप pos=n,g=m,c=3,n=p
गुप्तम् गुप् pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
शांतनवेन शांतनव pos=n,g=m,c=3,n=s
pos=i