महाभारतम् — 4.36.25
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच इति उक्त्वा प्राद्रवद् भीतो रथात् प्रस्कन्द्य कुण्डली त्यक्त्वा मानम् स मन्द-आत्मा विसृज्य स शरम् धनुः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
इति | इति | pos=i |
उक्त्वा | वच् | pos=vi |
प्राद्रवद् | प्रद्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
भीतो | भी | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
रथात् | रथ | pos=n,g=m,c=5,n=s |
प्रस्कन्द्य | प्रस्कन्द् | pos=vi |
कुण्डली | कुण्डलिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
त्यक्त्वा | त्यज् | pos=vi |
मानम् | मान | pos=n,g=m,c=2,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मन्द | मन्द | pos=a,comp=y |
आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विसृज्य | विसृज् | pos=vi |
स | स | pos=i |
शरम् | शर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
धनुः | धनुस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |