Original

कॢप्तोत्तरोष्ठं सुनसं कॢप्तकेशमलंकृतम् ।अदृश्यत शिरश्छिन्नं रजोध्वस्तं सकुण्डलम् ॥ ११ ॥

Segmented

अदृश्यत शिरः छिन्नम् रजः-ध्वस्तम् स कुण्डलम्

Analysis

Word Lemma Parse
अदृश्यत दृश् pos=v,p=3,n=s,l=lan
शिरः शिरस् pos=n,g=n,c=1,n=s
छिन्नम् छिद् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
रजः रजस् pos=n,comp=y
ध्वस्तम् ध्वंस् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
pos=i
कुण्डलम् कुण्डल pos=n,g=n,c=1,n=s