महाभारतम् — 4.24.15
Original
Segmented
मृगयित्वा यथान्यायम् विदित-अर्थाः स्म तत्त्वतः प्राप्ता द्वारवतीम् सूता ऋते पार्थैः परंतप
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मृगयित्वा | मृगय् | pos=vi |
यथान्यायम् | यथान्यायम् | pos=i |
विदित | विद् | pos=va,comp=y,f=part |
अर्थाः | अर्थ | pos=n,g=m,c=1,n=p |
स्म | स्म | pos=i |
तत्त्वतः | तत्त्व | pos=n,g=n,c=5,n=s |
प्राप्ता | प्राप् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
द्वारवतीम् | द्वारवती | pos=n,g=f,c=2,n=s |
सूता | सूत | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ऋते | ऋते | pos=i |
पार्थैः | पार्थ | pos=n,g=m,c=3,n=p |
परंतप | परंतप | pos=a,g=m,c=8,n=s |