महाभारतम् — 4.21.38
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच भीमो ऽथ प्रथमम् गत्वा रात्रौ छन्न उपाविशत् मृगम् हरिः इव अदृश्यः प्रत्याकाङ्क्षत् स कीचकम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
भीमो | भीम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽथ | अथ | pos=i |
प्रथमम् | प्रथमम् | pos=i |
गत्वा | गम् | pos=vi |
रात्रौ | रात्रि | pos=n,g=f,c=7,n=s |
छन्न | छद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
उपाविशत् | उपविश् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
मृगम् | मृग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
हरिः | हरि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
अदृश्यः | अदृश्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
प्रत्याकाङ्क्षत् | प्रत्याकाङ्क्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कीचकम् | कीचक | pos=n,g=m,c=2,n=s |