Original

तं सूतपुत्रं कौन्तेय कीचकं मददर्पितम् ।गत्वा त्वं नर्तनागारं निर्जीवं कुरु पाण्डव ॥ २७ ॥

Segmented

तम् सूतपुत्रम् कौन्तेय कीचकम् मद-दर्पितम् गत्वा त्वम् नर्तन-आगारम् निर्जीवम् कुरु पाण्डव

Analysis

Word Lemma Parse
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
सूतपुत्रम् सूतपुत्र pos=n,g=m,c=2,n=s
कौन्तेय कौन्तेय pos=n,g=m,c=8,n=s
कीचकम् कीचक pos=n,g=m,c=2,n=s
मद मद pos=n,comp=y
दर्पितम् दर्पय् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
गत्वा गम् pos=vi
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
नर्तन नर्तन pos=n,comp=y
आगारम् आगार pos=n,g=n,c=2,n=s
निर्जीवम् निर्जीव pos=a,g=m,c=2,n=s
कुरु कृ pos=v,p=2,n=s,l=lot
पाण्डव पाण्डव pos=n,g=m,c=8,n=s