महाभारतम् — 4.2.5
Original
Segmented
ये च केचिद् नियोत्स्यन्ति समाजेषु नियोधकाः तान् अहम् निहनिष्यामि प्रीतिम् तस्य विवर्धयन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
केचिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
नियोत्स्यन्ति | नियुध् | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
समाजेषु | समाज | pos=n,g=m,c=7,n=p |
नियोधकाः | नियोधक | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
निहनिष्यामि | निहन् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
प्रीतिम् | प्रीति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विवर्धयन् | विवर्धय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |