महाभारतम् — 4.2.3
Original
Segmented
आहरिष्यामि दारूणाम् निचयात् महतः ऽपि च तत् प्रेक्ष्य विपुलम् कर्म राजा प्रीतो भविष्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
आहरिष्यामि | आहृ | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
दारूणाम् | दारु | pos=n,g=m,c=6,n=p |
निचयात् | निचय | pos=n,g=m,c=5,n=s |
महतः | महत् | pos=a,g=m,c=5,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
च | च | pos=i |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रेक्ष्य | प्रेक्ष् | pos=vi |
विपुलम् | विपुल | pos=a,g=n,c=2,n=s |
कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रीतो | प्री | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
भविष्यति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |